सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Elephant Apple Benefits | Elephant Apple के औषधीय गुण | अन्य भाषाओं में नाम


Elephant Apple Benefits | Elephant Apple के औषधीय गुण
अन्य भाषाओं में Elephant Apple के नाम 



Elephant Apple के कई सारे औषधीय गुण हैं। 

कान दर्द ,गले के कुछ रोग,हिचकी दमा आदि में फायदे मिलते है | 

 आयुर्वेद में Elephant Apple के गुण के बारे में कई सारी अच्छी बातें बताई गई हैं जो आपको जानना जरूरी है। आप दस्त, बवासीर, डायबिटीज, ल्यूकोरिया आदि में Elephant Apple के औषधीय गुण के फायदे ले सकते हैं। आप मासिक धर्म विकार, त्वचा रोग, बुखार, खुजली, जलन में भी Elephant Apple से लाभ ले सकते हैं। आइए जानते हैं कि Elephant Apple के सेवन या उपयोग करने से आप कितनी सारी बीमारियों में फायदा ले सकते हैं, साथ ही यह भी जानते हैं कि Elephant Apple से क्या-क्या नुकसान हो सकता है।

 Elephant Apple क्या है? 

आयुर्वेदिक गुणों के कारण Elephant Apple रोगों का इलाज भी करता है। कपित्थ का पक्व फल मधुर, अम्ल, गुरु, शीत, वातपित्तशामक, रुचिकारक, ग्राही, कण्ठशोधक, देर से पचने वाला और वीर्यवर्धक होता है।

 Elephant Apple के औषधीय गुण

Elephant Apple का पका फल मधुर, खट्टा, गुरु, ठंडा, वात-पित्त दोष को दूर करता है। इसका कच्चा फल कटु, तिक्त, कषाय, उष्ण, लघु, रूक्ष गुण युक्त; कफशामक, संग्राही, लेखन, वृष्य, ग्राही, वातकारक, पित्तवर्धक होता है। Elephant Apple बीज ग्राही और मधुर होता है। Elephant Apple का फूल आखुविषनाशक होता है। बीज तेल ग्राही, मधुर और पित्तशामक होता है।

Elephant Apple के कई सारे औषधीय गुण भी हैं। आंखों के रोग, कान दर्द, गले के रोग, हिचकी, दमा बीमारियों में Elephant Apple के इस्तेमाल से फायदे मिलते हैं। 

 आयुर्वेद में Elephant Apple के गुण के बारे में कई सारी अच्छी बातें बताई गई हैं जो आपको जानना जरूरी है। आप दस्त, बवासीर, डायबिटीज, ल्यूकोरिया आदि में Elephant Apple के औषधीय गुण के फायदे ले सकते हैं। आप मासिक धर्म विकार, त्वचा रोग, बुखार, खुजली, जलन में भी Elephant Apple से लाभ ले सकते हैं। जानते हैं कि Elephant Apple के सेवन या उपयोग करने से आप कितनी बीमारियों में फायदा ले सकते हैं, साथ ही यह भी जानते हैं कि Elephant Apple से क्या-क्या नुकसान हो सकता है।

Elephant Apple के औषधीय गुण से आंखों की बीमारियों में लाभ लिया जा सकता है। आप Elephant Apple के पत्ते के रस में बराबर मात्रा में मधु मिला लें। 

कान के दर्द में Elephant Apple का औषधीय गुण लाभदायक होता है।  

Elephant Apple का रास बिजोरा निम्बू और अदरक के रास को हल्का गरम कर के १ से २ बून्द कान में डालने से कान का दर्द ठीक हो जाता है।

तिन्दुक, हरीतकी, लोध्र, मंजिष्ठा और आँवला में Elephant Apple के रस एवं मधु को मिला लें। इसे छानकर 1 से 2 बूंद कान में डालने से कान का बहना रुक जाता है।

गले के रोग में Elephant Apple के सेवन से लाभ 

आप Elephant Apple का सेवन कर गले के रोग का इलाज कर सकते हैं। Elephant Apple के पत्तों का काढ़ा बना लें। इससे गरारा करने से गले के रोग ठीक होते हैं।

बच्चे को पेट दर्द की समस्या हो तो Elephant Apple खिलाये। इससे फायदा मिलता है। बेलगिरी और Elephant Apple के गूदे का शरबत बना लो और इसे बच्चों को पिलाने से पेट का दर्द ठीक होता है।

हिचकी की समस्या हो तो  Elephant Apple के औषधीय गुणों का फायदा लो |  5 से 10 मिली आँवला और 5 मिली Elephant Apple के रस में 500 मिग्रा पिप्पली का चूर्ण और मधु मिला लें। इसको खाने से तेज हिचकी की समस्या से आराम मिलता है।

दमा रोग में भी Elephant Apple के सेवन से फायदा मिलता है। Elephant Apple के कच्चे फल का रस निकाल लें। इसे 5 से 10 मिली मात्रा में पिलाने से दमा रोग में लाभ होता है।

अन्य भाषाओं में Elephant Apple के नाम 

Elephant Apple का वानस्पतिक नाम फिरोनिया लिमोनीआ है 

•Hindi में  कैथा, कैथा, कैत, करंत 

•English में कर्ड फ्रैट , एलिफेन्ट ऐपैल , वुड ऐपैल

•Sanskrit में कपित्थ, दधित्थ, ग्राही, पुष्पफल, कपिप्रिय, दधिफल, दन्तशठ, चिरपाकी, सुरभिच्छद, अक्षसस्या

•Oriya में कोईथो , कोईथोबेलो 

•Urdu में कैथा 

•Kannada में बेला और  बेलला

•Gujarati में कोठ और कविट 

•Tamil में कबीट्टम् ,करूविला ,नरीविला और विलम पलम

•Telugu में कपित्थामू और वेलगा

•Bengali में केत और कटबेल 

•Nepali में करंडा

•Punjabi में बिलिन और कैत

•Marathi में कौथ और कवत्थ 

•Malayalam- डधीमफलम और  कपित्थम

•Arabic में कबीट 

•Persian में कबीट


नोट : ये सिर्फ जानकारी है आपके लिए ,आप elephant apple के औषधीय गुणों का लाभ लेना चाहते है तो Ayurvedic Doctor की सलाह जरूर ले |  

 

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

लकाडोंग हल्दी का इतिहास क्या है ? history of Lakadong Turmeric ?

  लकाडोंग हल्दी का इतिहास क्या है ?  History of Lakadong Turmeric ? लकाडोंग हल्दी एक उच्च Curcumin हल्दी के रूप में जनि जाती है पुरे विस्व भर में |  मेघालय राज्य, पूर्वोत्तर भारत के आठ राज्यों में से एक, और क्यी मसाले होते है मेघालय में। लकाडोंग हल्दी क्यों? क्योंकि लकाडोंग हल्दी की एक विशेष किस्म है जो करक्यूमिन का एक सबसे अच्छा स्रोत है। लकाडोंग हल्दी  मेघालय की ही देन है। लकाडोंग हल्दी मेघालय के ग्यारह जिलों में से एक, पश्चिम जयंतिया हिल्स जिले के एक छोटे से क्षेत्र में होती है। इस जगह को लाकाडोंग कहते हैं। लकाडोंग हल्दी का करक्यूमिन अन्य हल्दी की किस्मों की तुलना में तीन गुना अधिक है। आप इंटरनेट पे करक्यूमिन के औषधीय गुणों के बारे में रिपोर्टों को देख सकते है।  करक्यूमिन क्या होता है? हल्दी में करक्यूमिन वर्णक होता है और यह वह है जो इसे एक समृद्ध पीला रंग और तीखी खुसबू देता है। दरअसल, स्पेनिश और फ्रेंच में हल्दी को करकुमा कहा जाता है! स्वास्थ्य पूरक बनाने वाली फार्मा कंपनियां उच्च करक्यूमिन के साथ हल्दी का स्रोत बनाती हैं। लकाडोंग हल्दी में करक्यूमिन की मा...

मसालों की रानी बड़ी इलायची काली इलायची Queen of Spices Big Cardamom Black Cardamom

 मसालों की रानी बड़ी इलायची काली इलायची   Queen of Spices Big Cardamom Black Cardamom इलायची तो हमेशा मसालों की रानी रही है और रहेगी। हमारे भारत में इसे "इलायची" के नाम से जाना जाता है। इलायची स्वाद, इलाज और सुगंध के माध्यम से मुख्य उद्देश्यों में काम ली जाती है यानी भोजन, पेय, दवाएं और इत्र में । यह व्यापक रूप से एक हर्बल मसाले के रूप में उपयोग की जाती है और सुगंध और स्वाद प्रदान करने के लिए विभिन्न मीठे व्यंजनों में जोड़ा जाता है। आयुर्वेद में इसे बहुत ही उपयोगी और असरदार औषधि के रूप में भी माना गया है। इलायची के फायदे :- इलायची विभिन्न रोगों को ठीक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह मुख्य रूप से पाचन तंत्र में सुधार करती है। यह सूजन और अपच से राहत दिलाने में बहुत फायदेमंद होती है। इलायची पेट के संक्रमण को रोकने के साथ-साथ भूख और चयापचय में सुधार के लिए भी फायदेमंद होती है। मूल रूप से इलायची में वार्मिंग प्रभाव होता है, जो शरीर को गर्म रख सकती है, जैसे खांसी को खत्म करने में मदद करता है। एक कप गर्म इलायची की चाय बहुत ठंड में होने वाले सिरदर्द से राहत देती है। सामान...

चिकनी सुपारी भारत में कहा पर होती है ? CK SUPARI RK SUPARI

 चिकनी सुपारी भारत में कहा  पर  होती है ? Rashi,Ed ,Red Supari,api,pan masala supari, ck supari,rk supari चिकनी सुपारी भारत में कहा पर  होती है ? CK SUPARI RK SUPARI   चिकनी सुपारी भारत में कहा होती है ? चिकनी सुपारी भारत के कई राज्यों में होती है उसमे सबसे पहले है असम वेस्ट बंगाल और इसके अलावा दक्षिण भारत के शिमोगा में होती है | चिकनी सुपारी भारत में किन नामो से जाना जाता है असम में इसको CK SUPARI RK SUPARI कहते है | बंगाल में इसको उबली हुई सुपारी बोलते है यानि Boild Betel Nut भी बोलते है | दक्षिण भारत में इसको Rashi,Ed ,Red Supari,api,pan masala supari, कहते है | CK SUPARI RK SUPARI आज भी पुरे भारत में पांरपरिक तरीके से ही बनाते है | CK SUPARI RK SUPARI CK SUPARI RK SUPARI बनती कैसे है ये भी जान लेते है |  Rashi,Ed ,Red Supari,api,pan masala supari, ck supari,rk supari इन सब सुपारी को बनाने का एक तरीका होता है वो भी सिर्फ पांरपरिक सब से पहले पेड़ से ताम्बूल ...